क्रॉलर उत्खनन विनियमन कौशल

पहला मामला: बजरी के पार निर्माण स्थलों पर

विधियाँ: सबसे अच्छा ट्रैक भी कुछ थोड़ा ढीला है,

लाभ: बजरी पर चलने में, क्रॉलर प्लेट झुकने से बचा जा सकता है।

दूसरे प्रकार की परिस्थितियाँ: जब मिट्टी नरम हो

विधियाँ: क्रॉलर को थोड़ा ढीला करने के लिए ट्यून करें

लाभ: ट्रैक और रेल लिंक आसानी से मिट्टी से जुड़ जाते हैं, जिससे मिट्टी के आसंजन पर रेल लिंक पर असामान्य दबाव को रोका जा सकता है।

तीसरे प्रकार की ठोस और समतल जमीन

विधियाँ: सबसे अच्छा ट्रैक समायोजन थोड़ा तंग।

लाभ: जब ढीला ट्रैक सैग बहुत बड़ा होता है, तो रैक के साथ संपर्क और रैक चोट की घटना हो सकती है।

ट्रैक समायोजन कड़ा: यदि क्रॉलर बहुत कड़ा है, तो चलने की गति और नीचे की ओर चलने वाले बल की घटना होगी। इससे न केवल परिचालन दक्षता में गिरावट आएगी, बल्कि पिन और बुशिंग पर अत्यधिक घर्षण के कारण असामान्य घिसाव भी होगा।

क्रॉलर का स्थानांतरण बहुत ढीला होने पर: ट्रैक व्हील और स्प्रोकेट को ढीला करके अंदर ले जाने से अधिक घिसाव या चोट लग सकती है। इसके अलावा, जब ढीला ट्रैक बहुत अधिक ढीला होता है, तो रैक के संपर्क में आने से रैक को चोट लग सकती है। इसलिए, शरीर के निचले हिस्से को भी, अगर ठीक से समायोजित नहीं किया गया, तो अप्रत्याशित परेशानी हो सकती है।


पोस्ट करने का समय: 19 जून 2018